दिल्ली-एनसीआर। कोविड 19 की वजह से बाजार में खरीदी में आई गिरावट ने कई बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स की कमर तोड़ दी है। अब बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स अपने-अपने स्तर पर माल बेचने के ऑफर्स दे रहे हैं ताकि सेल्स बूस्ट हो सके। लेकिन दिल्ली-एनसीआर में एक नया ही टे्रंड देखने को मिल रहा है। यहां के बिल्डर्स अपना कैशफ्लो मेंटेन करने के लिए 25 प्रतिशत तक कम रेट में फ्लैट्स बेच रहे हैं। हालांकि प्रॉपर्टी की वैल्यू की 100 प्रतिशत ही बिलिंग जारी है, लेकिन ग्राहक से पैसा 75 प्रतिशत लिया जा रहा है।
स्थानीय बिल्डर्स जो 75 प्रतिशत में अपना माल बेच रहे हैं से मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल लॉकडाउन ने दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट कारोबारियों की कमर तोड़ दी है। बिल्डर्स का पैसा प्रोजेक्ट्स में फंस गया है, जिसके चलते बहुत सारे प्रोजेक्ट्स अधूरे रह गए हैं। अब इनके निकलने के लिए बिल्डर्स ने नो-प्रॉफिट, नो लॉस पॉलिसी अपनाई है। जिसके चलते बिल्डर्स रियल बायर्स की तलाश कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम सीरियस बायर्स को 75 प्रतिशत में फ्लैट का पजेशन दे रहे हैं, ताकि जो पैसा आएगा उससे अधूरे प्रोजेक्ट पूरे कर सकेेंगे। गौरतलब है कि यहां के बाजार में सर्किल रेट से नीचे माल बेचने पर बिल्डर पर जुर्माना लगा दिया जाता है, इसलिए इसकी गली निकालते हुए बिल्डर्स ने ग्राहकों को बिलिंग पूरे पेमेंट की करने और पैसा 75 प्रतिशत ही लेने का रास्ता निकाल लिया है। स्थानीय सुपरटेक, नॉर्थ आई, सुपरनोवा सरीखी कंपनियों ने ग्राहकों को अच्छे ऑफर्स के साथ फ्लैट बेचे हैं और फ्लैक्सी पेमेंट विकल्पों के साथ मंदी से उबरने के प्रयास कर रहे हैं।
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